हरियाणा बजट 2017-18

हरियाणा बजट 2017-18: हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने 2017-18 का बजट 6 मार्च 2017 को सदन में पेश किया। पहली बार व्यय के योजना एवं गैर-योजनागत वर्गीकरण को समाप्त करके बजट को राजस्व एवं पूंजीगत वर्गीकरण के रूप में प्रस्तुत किया गया। 
हरियाणा बजट 2017-18 की प्रमुख घोषणाएँ:
  • वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रदेश के लिए 102329.35 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया गया है। 
  • सकल राज्य घरेलू उत्पाद ने स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वर्ष 14-15 के 5.7 प्रतिशत की तुलना में 2015-16 में 9.0 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की। वर्ष 2016-17 में भी सकल राज्य घरेलू उत्पाद 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वर्ष 2017-18 में यह 9.0 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है।
  •  2016-17 में प्रति व्यक्ति आय विकास दर 7.2% रहने की संभावना है, अखिल भारतीय प्रति व्यक्ति आय 5.9% की दर से बढऩे की उम्मीद। 
  • सकल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में कुल राजस्व प्राप्तियां वर्ष 2016-17 में 11.02 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 
  • घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संख्या वर्ष 2013-14 में नौ से कम होकर 2015-16 में छ: रह गई। 
  • किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्लस्टर योजना। 
  • महाराणा प्रताप के नाम पर बागवानी विश्वविद्यालय की योजना। 
  • पहली बार व्यय के योजना एवं गैर-योजनागत वर्गीकरण को समाप्त करके बजट को राजस्व एवं पूंजीगत वर्गीकरण के रूप में प्रस्तुत किया। 
  • सहकारी समितियां अधिनियम के तहत पंजीकृत सार्वजनिक क्षेत्र के 19 उपक्रम भी अपने घाटे को कम करने में सफल रहे हैं। 
  • ऐसा पहली बार हुआ है, जब खाद्यान्न खरीद कार्यों को छोडक़र, बजट ने एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। 
  • रहबरे आज़म स्वर्गीय चौधरी छोटू राम जी के नाम पर 'दीनबंधु हरियाणा ग्राम उदय योजना’ नामक नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव। 
  • पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. मंगल सेन के नाम से नई योजना ‘‘मंगल नगर विकास योजना’’ शुरू करने का प्रस्ताव। 
  •  कृषि और सम्बद्ध गतिविधियों के लिए 3206.01 करोड़ रुपये का आवंटन, यह गत वर्ष के संशोधित अनुमान से 18.79 प्रतिशत अधिक है। 
  • सिंचाई और जल संसाधनों के लिए गत वर्ष के 2397.68 करोड़ रुपये से 13.62% बढ़ाकर इस साल 2724.26 करोड़ रुपये आवंटित किये गये। 
  • ग्रामीण विकास, सामुदायिक विकास तथा पंचायतों के लिए गत वर्ष से 56.69% अधिक 4963.09 करोड़ रुपये के का आवंटन किया गया। 
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए गत वर्ष के संशोधित अनुमानों से से 15.52% अधिक 3839.90 करोड़ रुपये आवंटित किये गए। 
  • शिक्षा विभाग के लिए 14005 करोड़ रुपये के का प्रस्ताव, जोकि संशोधित बजट प्रावधान 2016-17 से 18.43% अधिक है। 
  • बजट अनुमान 2017-18 में कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 487.39 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव। 
  • खेलों के लिए गत वर्ष के संशोधित अनुमानों से 59.10% अधिक 535.36 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव। 
  • गैर-परंपरागत ऊर्जा विभाग के लिए गत वर्ष के संशोधित अनुमान परिव्यय की तुलना में 154.18% अधिक 112.50 करोड़ रुपये का आवंटन। 
  • जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए 3382.84 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित, जोकि गत वर्ष से 16.39 प्रतिशत अधिक है।
  • परिवहन विभाग के लिए गत वर्ष से 7.35% अधिक 2459.70 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव। 
  • महिला एवं बाल विकास के लिए 1247.24 करोड़ रुपये का परिव्यय, जोकि गत वर्ष की तुलना में 23.53 प्रतिशत अधिक है। 
  • अनु. जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण के लिए 736.84 करोड़ और  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 4875.47 करोड़ रु  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लिए 4875.47 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव। 
  • अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के लिए 736.84 करोड रूपये के आवंटन का प्रस्ताव। 
  • पर्यटन के लिए 72.14 करोड़ रुपये, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के लिए 125.56 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव। 
  • उद्योग और खनिज विभाग के लिए 399.88 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव जोकि गत वर्ष तुलना में 8.96 प्रतिशत अधिक है। 
  • शहरी विकास के लिए 4973.58 करोड़ रु का आवंटन किया गया है। 

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